Hindi Sahitya ka Itihaas

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Free Online Course: Hindi Sahitya ka Itihaas provided by Swayam is a comprehensive online course, which lasts for 12 weeks long. The course is taught in Hindi and is free of charge. Upon completion of the course, you can receive an e-certificate from Swayam. Hindi Sahitya ka Itihaas is taught by Prof Subhash Chander.

Overview
  • प्रत्येक मनुष्य, समुदाय, राष्ट्र, देश की अपने इतिहास के प्रति जिज्ञासा स्वाभाविक है। कई तरीकों से इस जिज्ञासा का समाधान करने के प्रयास हुए हैं। इतिहास का शिकार ना हों इसके लिए ज़रूरी है नज़रिये का संतुलन। गाड़ी के शीशों की तरह। आगे देखने के लिए बहुत बड़ा शीशा है तो पीछे देखने के एक छोटा सा।आगे की सुरक्षित यात्रा के लिए पीछे का बोध।नजर आगे रहे पर पीछे का भी दृष्टि में रहे। किसी समाज और देश के साहित्य में समय की धड़कन को सुना जा सकता है। अपने समय की धड़कन सुनने की जद्दोजहद में ही इतिहास की ओर कदम उठता है।अपनी साहित्यिक-सांस्कृतिक परंपराओं से इतिहास के माध्यम से जुड़ना संभव होता है। इतिहास के अध्ययन से विभिन्न युगों, धाराओं व रचनाकारों के साहित्य की विशिष्टताओं की समझ बढ़ती है। समकालीन साहित्य के विविध रूपों, आंदोलनों, विमर्शों के माध्यम से अपने युग का बोध भी होता है। संसार के यथार्थ के प्रति आलोचनात्मक संवेदनशील दृष्टि व संवेदनशील व्यक्तित्व के निर्माण में साहित्य की महती भूमिका है।हिंदी साहित्य के इतिहास के अध्ययन से हिंदी साहित्य के सौंदर्य, कला तथा वैचारिक मूल्यों के प्रति विवेक का निर्माण होगा।इस पाठ्यक्रम में विभिन्न युगों के महान साहित्यकारों के जीवन और रचना कर्म के बारे में अध्ययन किया जाएगा। हिंदी साहित्य से परिचित होने के इच्छुक पाठकों के लिए उपयोगी रहेगा।इस पाठ्यक्रम के बाद विद्यार्थी को हिंदी साहित्य की विभिन्न धाराओं व साहित्यिक परपंराओं से परिचय के साथ साथ हिंदी साहित्य के बदलाव के बिंदुओं की पहचान होगी। आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल व आधुनिक काल की विभिन्न धाराओं व उनके प्रमुख साहित्यकारों की रचना क्षमता व अभिव्यक्ति की विशिष्टताओं की पहचान कर पाएगा। आधुनिक हिंदी साहित्य के विभिन्न आंदोलनों की जानकारी।हिंदी गद्य की विधाओं की विशिष्टता की समझ बढ़ेगी।

Syllabus
  • हिंदी साहित्य का इतिहास

    आदिकाल इतिहास लेखन और साहित्येतिहास लेखन, हिंदी साहित्य इतिहास लेखन की परंपरा, हिंदी साहित्य का काल विभाजन एवं नामकरण, आदिकाल की विशेषताएं, आदिकालीन काव्यधाराएं और काव्यगत विशेषताएं (सिद्ध, नाथ, जैन, रासो, लौकिक)।

    भक्तिकाल
    भक्ति आन्दोलन: सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, संत काव्यधारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण काव्यधारा, राम कव्यधारा।
    रीतिकाल रीतिकाल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, रीतिकालीन काव्यधाराएं व उनकी काव्यगत विशेषताएं (रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध तथा रीतिमुक्त)।

    आधुनिक काल
    1857 का स्वतंत्रता संघर्ष और हिन्दी नवजागरण, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और हिंदी साहित्य, भारतेन्दुयुगीन साहित्य की विशेषताएँ, महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनका युग, छायावादः प्रवृतियां और प्रमुख कवि, प्रगतिवादः प्रवृतियां और प्रमुख कवि, प्रयोगवादः प्रवृतियां और प्रमुख कवि, नई कविताः प्रवृतियां और प्रमुख कवि, समकालीन कविताः प्रवृतियां और प्रमुख कवि।

    हिंदी गद्य का विकास
    हिंदी पत्रकारिताः उद्भव और विकास, हिंदी निबंधः उद्भव और विकास, हिंदी उपन्यासः उद्भव और विकास, हिंदी कहानीः उद्भव और विकास, हिंदी नाटकः उद्भव और विकास, हिंदी संस्मरणः उद्भव और विकास, हिंदी रेखाचित्रः उद्भव और विकास, हिंदी जीवनीः उद्भव और विकास, हिंदी आत्मकथाः उद्भव और विकास।

    अस्मितामूलक विमर्श दलित विमर्शः वैचारिकी और साहित्यिक विकास, स्त्री विमर्शः वैचारिकी और साहित्यिक विकास आदिवासी विमर्शः वैचारिकी और साहित्यिक विकास।