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यह पाठ्यक्रम शास्त्रीय संगीत के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया है वर्तमान श जो की गायन वादन और नृत्य के क्षेत्र में ताल को समझने में सहायक होगा जिसका सीधा लाभ बंदिशों के प्रस्तुतीकरण को प्रभावी बनाने और परंपरागत संगीत (विभिन्न घरानों की उपलब्ध बंदिशों जिनका साहित्यिक वर्णन अप्राप्त है और आज भी शोध का विषय बना हुआ है ) का आकलन कर प्रस्तुत किया जायेगा ताकि घरानेदार और वर्तमान शिक्षा पद्धति के बीच सेतु का कार्य करेगा । वर्तमान परिवर्तित शिक्षा पद्धति और संगीत के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम प्रयोगों को ध्यान में रखते हुए ताल और संगीत की कला से उत्पन्न हुए सौन्दर्य को समझाने का प्रयास किया गया है। सौन्दर्य शब्द जो कि ललित कलाओं का मुख्य उद्देश्य है, इसका कई पहलुओं से अध्ययन कर उसे छात्रों और संगीत जगत के समक्ष रखने का प्रयास है जिसमें भारत के कई विद्वानों के विचारों को पाठ्यक्रम के माध्यम से आप सभी के सामने रखा जाएगा । आशा है आप सभी इसका अधिक से अधिक जुडकर इसका लाभ लेंगे ।
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WEEK 1 विषय प्रवर्तन तालः-उत्पत्ति एवं विकास ताल के तत्वः मात्रा, सम, ताली, खाली,मात्रा,विभाग WEEK 2 जाति भेद उत्तर भारतीय ताल पद्धति तिहाई रचना सिद्धांत भाग 01 WEEK 3 तिहाई रचना सिद्धांत भाग 02 शास्त्रीय गायन में ताल सौन्दर्य उपशास्त्रीय गायन में ताल सौन्दर्य WEEK 4 कथक नृत्य में ताल भाग -1 कथक नृत्य में ताल भाग -2 तंत्र वाद्य में ताल सौन्दर्य WEEK 5विस्तारशील रचनाऐं अविस्तारशील रचनाऐं लय एवं लयकारी WEEK 6 वाद्य वर्गीकरणः- अवनद्य, त्तंत्र, घन एवं सुशिर अवनद्य वाद्य:- उत्पत्ति एवं विकास ताल के दश प्राण WEEK 7 संगीत और सौन्दर्य की व्याख्या तालों का सौन्दर्य गायन वादन नृत्य के सन्दर्भ में बंदिश:- सौन्दर्यात्मक अर्थ एवं व्याख्या WEEK 8 लग्गी लड़ी:-भाग 1 अर्थ एवं उत्पत्ति लग्गी लड़ी:-भाग 2 वादन सामग्री एवं विभिन्न दृष्टिकोण लग्गी लड़ी:-भाग 3 प्रायोगिक विवरण एवं उदाहरण तबले के प्रमुख घराने WEEK 9 पश्चिम बाज :- वादन शैली पूरब बाज :- वादन शैली समान मात्रा की तालों का तुलनात्मक अध्ययन WEEK 10कर्नाटक ताल पद्धति मार्गीताल पद्धति देशी ताल पद्धति WEEK 11 सांगीतिक वार्ता 1 (तंत्र वाद्य) सांगीतिक वार्ता 2 (ध्रुपद गायन ) सांगीतिक वार्ता 3 (अवनद्य वाद्य)