Hindi Bhasha ka Udbhav aur Vikas हिंदी भाषा का उद्भव और विकास

Go to class
Write Review

Free Online Course: Hindi Bhasha ka Udbhav aur Vikas हिंदी भाषा का उद्भव और विकास provided by Swayam is a comprehensive online course, which lasts for 15 weeks long. The course is taught in Hindi and is free of charge. Upon completion of the course, you can receive an e-certificate from Swayam. Hindi Bhasha ka Udbhav aur Vikas हिंदी भाषा का उद्भव और विकास is taught by DR. GANGA SAHAY MEENA.

Overview
  • यह कोर्स हिंदी भाषा के उद्भव और विकास के बारे में है। इसमें हम भाषा की उत्‍पत्ति के विभिन्‍न सिद्धांतों, विभिन्‍न विचारों और उनकी सीमाओं से बात शुरू करके इंसानों और पशु-पक्षियों की भाषा के संबंध को समझेंगे। साथ ही हम भाषा में होने वाले बदलावों का अध्‍ययन करने वाली भाषाविज्ञान की शाखा ऐतिहासिक भाषाविज्ञान का संक्षिप्‍त परिचय प्राप्‍त करेंगे। भारत एक बहुभाषी देश है। हिंदी के उद्भव की गुत्‍थी को सुलझाने से पहले हम भारत के भाषा परिवारों और प्रमुख भाषाओं का अतिसंक्षिप्‍त परिचय प्राप्‍त करेंगे। यह जानना बहुत दिलचस्‍प है कि हिंदी की उत्‍पत्ति कैसे हुई! इसकी उत्‍पत्ति के बारे में हम विभिन्‍न विद्वानों के मतों को जानेंगे। हिंदी की उत्‍पत्ति का संबंध संस्‍कृत और अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इस कोर्स के माध्‍यम से हम इन संबंधों की पड़ताल करेंगे। हिंदी के वर्तमान स्‍वरूप के विकास से पहले खड़ी बोली के कई साहित्यिक रूप विकसित थे, जैसे दकनी, उर्दू, हिंदुस्‍तानी आदि। इन सबका संक्षिप्‍त परिचय भी इस कोर्स में प्रस्‍तुत किया जाएगा। यह जानना भी रोचक है कि हिंदी के विकास में अंग्रेजों और उनकी संस्‍थाओं की भूमिका किस प्रकार की रही। फोर्ट विलियम कॉलेज और ईस्‍ट इंडिया कंपनी की भाषा नीति के माध्‍यम से हम इसे समझेंगे। उन्‍नीसवीं सदी हिंदी के विकास की दृष्टि से निर्णायक सदी है। आधुनिकता की अवधारणा और राजभाषा के सवाल से हिंदी के स्‍वरूप निर्धारण और विकास का गहरा संबंध है। साथ ही उन्‍नीसवीं सदी के नवजागरण के पुरोधाओं, यथा राजा शिवप्रसाद, भारतेंदु, बालकृष्‍ण भट्ट, अयोध्‍याप्रसाद खत्री, महावीर प्रसाद द्विवेदी, देवकीनंद खत्री आदि का हिंदी के विकास में उल्‍लेखनीय योगदान है। इस कोर्स के तहत हम हिंदी के विकास में भूमिका निभाने वाली संस्‍थाओं व हिंदी के आरंभिक पत्र-पत्रिकाओं की भी चर्चा करेंगे। इस प्रक्रिया में निर्मित हुए हिंदी के मानकीकृत स्‍वरूप व इसकी लिपि देवनागरी के इतिहास को जानेंगे।हिंदी ने स्‍वाधीनता आंदोलन की भाषा बनकर देश को एक सूत्र में जोड़ने का काम किया। हिंदी के बारे में गांधी जी, नेहरू जी, लोहिया जी आदि नेता क्‍या सोचते थे, यह भी जानना दिलचस्‍प होगा। हिंदी कैसे भारत की राजभाषा बनी और राजभाषा के रूप में कितनी सफल रही- यह भी हम जानेंगे। हिंदी प्रदेश की लोकभाषाओं के साथ हिंदी के संबंधों की पड़ताल करते हुए हम आज के दौर की, सूचना-तकनीक की हिंदी की बात करेंगे। जाहिर है यही बातें हमें हिंदी के भविष्‍य के बारे में संकेत करेंगी। निष्‍कर्षत: यह कोर्स हिंदी भाषा के उद्भव और विकास से जुड़े महत्‍त्‍वपूर्ण बिंदुओं पर समझदारी विकसित कर सकेगा, ऐसा विश्‍वास है।

Syllabus
  • पहला सप्‍ताह भाषा के उद्भव का सवाल और ऐतिहासिक भाषाविज्ञान, भारत के भाषा परिवार और प्रमुख भाषाएं   दूसरा सप्‍ताह हिंदी के उद्भव के बारे में विभिन्‍न विद्वानों के मत, अपभ्रंश   तीसरा सप्‍ताह अवहट्ट और पुरानी हिंदी, संस्‍कृत और हिंदी का संबंध   चौथा सप्‍ताह खड़ी बोली के साहित्यिक रूपों का विकास : दकनी, उर्दू हिंदी, हिंदुस्‍तानी, हिंदवी   पांचवां सप्‍ताह फोर्ट विलियम कॉलेज और हिंदी गद्य का विकास, ईस्‍ट इंडिया कंपनी की भाषा नीति   छठा सप्‍ताह 19वीं सदी और हिंदी भाषा के स्वरूप का प्रश्‍न, पश्चिमोत्तर प्रांत में शिक्षा का माध्यम और राजभाषा का प्रश्‍न, आधुनिकता और खड़ी बोली हिंदी का विकास   सातवां सप्ताह हिंदी के विकास में राजा शिवप्रसाद का योगदान, हिंदी के विकास में भारतेन्दु हरिश्‍चन्द्र का योगदान, हिंदी के विकास में अयोध्या प्रसाद खत्री का योगदान   आठवां सप्‍ताह हिंदी के विकास में बालकृष्‍ण भट्ट का योगदान, हिंदी के विकास में देवकीनन्दन खत्री का योगदान, खड़ी बोली बनाम ब्रजभाषा विवाद   नवां सप्‍ताह हिंदी के विकास में विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं का योगदान, 19वीं सदी का उर्दू-हिंदी विवाद, हिंदी के संस्कृतनिष्‍ठ रूप का विकास   दसवां सप्‍ताह भारतीय लिपियां और देवनागरी, हिंदी के विकास में विभिन्‍न संस्‍थाओं का योगदान, हिंदी के विकास में महावीर प्रसाद द्विवेदी का योगदान, हिंदी का मानकीकरण   ग्‍यारहवां सप्‍ताह स्वाधीनता आंदोलन और हिंदी, महात्‍मा गांधी का हिंदी के प्रति रुख, राममनोहर लोहिया की भाषा नीति   बारहवां सप्‍ताह स्वतंत्र भारत की राजभाषा का प्रश्‍न और हिंदी, संविधान सभा में हिंदी, राजभाषा और हिंदी की आत्मा   तेरहवां सप्‍ताह हिंदी प्रदेश की लोक भाषाओं के साथ हिन्दी का सम्बन्ध   चौदहवां सप्‍ताह आज की हिंदी, कंप्‍यूटर और हिंदी   पंद्रहवां सप्‍ताह इं‍टरनेट की दुनिया में हिंदी, वैश्‍वीकरण के दौर में हिंदी, हिंदी का भविष्‍य